कारगिल विजय दिवस पर रण-बांकुरों को नमन https://youtu.be/GoADlW7mMgY जो भरा नहीं है भावों से , बहती जिसमें रस-धार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है , जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥ गया प्रसाद शुक्ल ‘सनेही’ जी द्वारा रचित ये पंक्तियां हमें स्मरण करवाती हैं कि देशभक्ति , देश के प्रति प्यार और सम्मान की भावना है। देशभक्त अपने देश के प्रति निःस्वार्थ प्रेम तथा उस पर गर्व करने के लिए जाने जाते हैं। देशभक्ति की भावना लोगों को एक-दूसरे के करीब लाती है। किसी भी व्यक्ति का देश के प्रति अमूल्य और निःस्वार्थ प्रेम और भक्ति , देशभक्ति की भावना को परिभाषित करती है। जो लोग सच्चे देशभक्त होते हैं , वे अपने देश के प्रति अपने प्राणों को न्योछावर करने से पीछे नहीं हटते। देश की आज़ादी के बाद अनेक ऐसे अवसर आए जब भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस , पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मन के दाँत खट्टे किए हैं ...
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