कक्षा 12 हिंदी आधार
कक्षा 12 हिंदी आधार
श्रीमती मीता गुप्ता,परास्नातक शिक्षिका(हिंदी) की प्रस्तुतियाँ-
सत्र-2021-22
प्रमाण-पत्र-
- श्री हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित 'आत्मपरिचय' कविता-
https://youtu.be/LQ629sn6-lc
https://youtu.be/8EztClxaJS8
2.श्री हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित 'एक गीत' कविता-
https://youtu.be/Hkfe7TtJ6rc
3. डॉ.भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित 'श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा' पाठ-
.4. डॉ.भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित 'मेरी कल्पना काआदर्श समाज' पाठ-
https://youtu.be/Dtoy-X-v3NM
5..श्री आलोक धन्वा द्वारा रचित 'पतंग' कविता-
https://youtu.be/FMQwfFf9AJo
6. श्रीमती महादेवी वर्मा द्वारा रचित"भक्तिन"पाठ-
भाग-1
https://youtu.be/RwMrodMU-fw
भाग-2
https://youtu.be/cM_At4dSr7c
7.श्री जैनेंद्र कुमार द्वारा रचित'बाज़ार दर्शन'-
https://youtu.be/hNMFiFzU8EU
8.श्री धर्मवीर भारती द्वारा रचित 'काले मेघा पानी दे'-
https://youtu.be/1JwqXE4VVHU
9.श्री रघुवीर सहाय द्वारा कृत 'कैमरे में बंद अपाहिज'-
https://youtu.be/NfXzuMCV-ao
10. श्री फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित 'पहलवान की ढोलक'-
https://youtu.be/ZtbFy0uaRdQ
ग्रीष्मकालीन अवकाश कागृहकार्य-
केंद्रीय विद्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे बरेली
सत्र 2020-21
कक्षा-12
विषय-हिंदी आधार
ग्रीष्मकालीन गृहकार्य
दिनांक-09.05.2020
क्रम सं.
|
कार्य
|
टिप्पणी
|
जमा करने की तिथि
|
मॉनीटर
|
1
|
पहलवान की ढोलक
|
प्रश्नोत्तर
|
15.05.2020
|
12 अ- दर्शिका
12 ब- तान्या
12 स- रजत यादव
|
निबंध लेखन
|
विषय-घर आ पहुंचा
विद्यालय, 1000 शब्द
|
15.05.2020
|
12 अ- शाहरोज़
12 ब- अनन्या
12 स- चेष्टा
|
|
2
|
आलेख लेखन
|
लॉकडाउन में खुश कैसे
रहें? 150 शब्द
|
20.05.2020
|
12 अ- सुजाता
12 ब- निधि
12 स- पंकज 2
|
3.
|
फ़ीचर लेखन
|
लुभाते विज्ञापन, 150 शब्द
|
25.05.2020
|
12 अ- रजत
12 ब- फ़रमान
12 स- ऋषभ गंगवार
|
4.
|
फ़ीचर लेखन
|
लोक प्रचलित विश्वास
या विज्ञान के तर्क, 150 शब्द
|
30.05.2020
|
12 अ- मो.शमी
12 ब- नितिन
12 स- प्रियांशी
|
5.
|
अनुच्छेद लेखन
|
अपंगता कहाँ होती
है-तन में या मन में ? 100 शब्द
|
05.06.2020
|
12 अ- कायम अली
12 ब- सुहानी सिंह
12 स- सुहानी सक्सेना
|
6.
|
फ़ीचर लेखन
|
भारत या इंडिया, 150 शब्द
|
05.06.2020
|
12 अ- शुभांशी
12 ब- सुहानी सिंह
12 स- सुहानी सक्सेना
|
7.
|
रचनात्मक लेखन
|
मेरे बचपन की एक ऐसी
याद,जिसने मेरे मन पर गहरी छाप छोड़ी है ,100 शब्द
|
10.06.2020
|
12 अ- हिफ़्ज़ा
12 ब- तान्या
12 स- पीयूष शंकर
|
8.
|
रचनात्मक लेखन
|
लॉकडाउन के दौरान आपके
द्वारा किए गए किसी ऐसे कार्य का विवरण, जिससे किसी को खुशी मिली हो ।, 100 शब्द
|
10.06.2020
|
12 अ- दर्शिका
12 ब- विधि वालिया
12 स- पीयूष शंकर
|
9.
|
क्रियात्मक गतिविधि
|
कोविड-19 की 1 अच्छी
खबर और 1 फ़ोटो (लगातार एक हफ़्ते तक) समाचार-पत्र से काटकर
उत्तर-पुस्तिका में चिपकाना
|
15.06.2020
|
12 अ- कनिका वाल्मीकि
12 ब- पूजा शर्मा
12 स- हिमांशु प्रकाश
|
ओवर ऑल मॉनीटर-
12 A- प्राप्ति और हिमांशु
12 B-ऋचा और नितिन
12 C-वंदना और सौरभ
नोट: समस्त कार्य को कक्षा-कार्य की
उत्तर-पुस्तिका में करना है ।
मीता गुप्ता
स्नातकोत्तर शिक्षिका (हिंदी)
11.https://www.youtube.com/watch?v=wJrxMFP72AY
द्वारा श्रीमती मीता गुप्ता,स्नातकोत्तर शिक्षिका (हिंदी),केवि,पूरे,बरेली। ब्रज भाषा में रचित गोस्वामी तुलसीदास की यह श्रेष्ठ रचना तत्कालीन समाज की झाँकी प्रस्तुत करती है ।
12
https://www.youtube.com/watch?v=w8IoY6dU0MA
द्वारा श्रीमती मीता गुप्ता,स्नातकोत्तर शिक्षिका (हिंदी),केवि,पूरे,बरेली। प्रस्तुत रुबाइयों में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती है ।
13
https://www.youtube.com/watch?v=RbIqMX4hWRk
https://www.youtube.com/watch?v=mmsbnG5bQU8
द्वारा मीता गुप्ता स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे बरेली प्रस्तुत पाठ में लेखक चार्ली चैपलिन की फिल्मों से लेकर उनकी व्यक्तिगत जिंदगी और उसमें आए उतराव चढ़ाव आदि की विवेचना करता है
14
https://www.youtube.com/watch?v=nWUQZoUy49s
द्वारा मीता गुप्ता स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे बरेली प्रस्तुत कविता में किसान द्वारा किए गए कृषि कर्म और कवि द्वारा किए गए कवि कर्म की तुलना की गई है कविता के अंत में कवि कहता है कि कृषक द्वारा उगाई गई फसल कट जाती है और लंबे समय तक आनंद नहीं दे पाती जबकि कभी कर्म से तैयार हुई काव्य रचना अमृत जैसे रस से भरी होती है और अनंत काल तक सुखदाई होती है
15
https://www.youtube.com/watch?v=esM9FmUzqFI
द्वारा मीता गुप्ता स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी प्रस्तुत कविता में कवि शाम के समय बादलों से भरी आकाश में पंक्ति बद्ध उड़ाते हुए बगुलों की सुंदरता का वर्णन करता है
16.
https://youtu.be/fx5d0Fp4yvQ
द्वारा मीता गुप्ता। प्रस्तुत कविता में सुंदर बिंब विधान और नए उपमानो,प्रतीकों व प्रयोगों की मदद से कवि ने ग्रामीण अंचल की सुबह के पल-पल बदलते हुए सुंदर रूप का वर्णन किया है। इस वर्णन में अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ते हुए बच्चे का संकेत भी है। यह कविता हमें नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।
17.
https://www.youtube.com/watch?v=hF_vHNMQd6Q
https://www.youtube.com/watch?v=AMHJvs3cZCc
द्वारा मीता गुप्ता, स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी, केंद्रीय विद्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, बरेली। प्रस्तुत पाठ में ऐन फ्रैंक द्वारा रचित 'द डायरी ऑफ यंग गर्ल' के कुछ पृष्ठ संकलित किए गए हैं, जिनमें हमें एक ओर दूसरे विश्व युद्ध की विभीषिका और यहूदियों के साथ बर्बर व्यवहार की जानकारी मिलती है, तो दूसरी ओर ऐन के निजी जीवन में घटित हो रही भावनात्मक उथल-पुथल की झांकी भी प्राप्त होती है।
18.
https://youtu.be/bfQ-mBj-PaM
https://www.youtube.com/watch?v=BGTKUViymiI
द्वारा मीता गुप्ता स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे बरेली। लगभग साढे 5000 वर्ष पूर्व बसी सिंधु घाटी सभ्यता जो कि एक नागरिक सभ्यता थी, का यात्रा संस्मरण और रिपोर्ट
19
https://www.youtube.com/watch?v=bfQ-mBj-PaM
द्वारा मीता गुप्ता,स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी, केवि,पूरे,बरेली। जूझ का अर्थ है संघर्ष। प्रस्तुत पाठ डॉ यादव की पढ़ने की ललक और उनके बचपन के संघर्षों के विवरण प्रस्तुत करता है।
20
https://www.youtube.com/watch?v=4enUbg7QdZM
https://www.youtube.com/watch?v=Vf_Ny7GxKfQ
द्वारा मीता गुप्ता स्नातकोत्तर शिक्षिका हिंदी केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे बरेली। प्रस्तुत कहानी में पीढ़ियों के अंतराल, हाशिए पर खिसकते मानव मूल्य और पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव को दर्शाने का प्रयास किया गया है। इस कहानी के दो बीज मंत्र हैं-जो हुआ होगा और समहाउ इमप्रॉपर ।
21
https://www.youtube.com/watch?v=-HbueLhxjfY
द्वारा श्रीमती मीता गुप्ता स्नातकोत्तर शिक्षा हिंदी केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे बरेली। सरल शब्दों में कहा जाए तो बात जब दिल से निकले और दूसरों के दिल तक पहुंचे, तभी वह बात बात है और यह दूसरों के दिल तक तब पहुंचती है जब हम सरल सहज शब्दों में अपनी बात कहते हैं । यदि हम अपनी बात को भाषा के आडंबर में फंसा देते हैं, तो वह चूड़ी कटे हुए किसी पेंच की भांति हो जाती है , जो दीवार पर कील की तरह ठोंक दिया जाता है, किंतु उसमें कोई कसावट नहीं होती।
22
https://www.youtube.com/watch?v=NR7_iyRTYzw
मीता गुप्ता,स्नातकोत्तर शिक्षिका( हिंदी), केंद्रीय विद्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, बरेली । क्या वास्तव में कविता को किसी बंधन में बांधा जा सकता है? संभवत इसका उत्तर सब जानते हैं ,और उत्तर है नहीं । कविता बंधनों से परे होती है, चाहे वह भाषा का बंधन हो, चाहे भूगोल का और चाहे समय का । कविता पक्षी की भांति सीमित उड़ान नहीं भरती, फूल की भांति क्षणभंगुर नहीं होती, कविता तो बच्चों के खेल की भांति असीम होती है, शाश्वती होती है।
Comments
Post a Comment