संस्कृत कक्षा 6 से 8
कक्षा 8
पाठ-1 सुभाषितानि द्वारा श्रीमती पूनम शुक्ला,प्र.स्नातक शिक्षिका (संस्कृत)
https://youtu.be/q8nirRizjhk
कक्षा 6
शब्द परिचय द्वारा श्रीमती पूनम शुक्ला,प्र.स्नातक शिक्षिका (संस्कृत)
https://youtu.be/v3My9IdyTLI
कक्षा 6 रुचिरा पुस्तक का तीसरा पाठ शब्दपरिचय III में नपुंसकलिंग शब्दों को रखा गया है संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है, जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीवाचक संज्ञाओं को रखा जाता है।
https://youtu.be/vJZglcZgm0w
कक्षा 6
शब्द परिचय द्वारा श्रीमती पूनम शुक्ला,प्र.स्नातक शिक्षिका (संस्कृत)
https://youtu.be/8jEH-xQIkXE
कक्षा 7
सुभाषितानि द्वारा श्रीमती पूनम शुक्ला,प्र.स्नातक शिक्षिका (संस्कृत)
सुभाषित (सु + भाषित = सुन्दर ढंग से कही गयी बात) ऐसे शब्द-समूह, वाक्य या अनुच्छेदों को कहते हैं जिसमें कोई बात सुन्दर ढंग से या बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से कही गयी हो। सुवचन, सूक्ति, अनमोल वचन, आदि शब्द भी इसके लिये प्रयुक्त होते हैं। सुभाषितानि में सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छुपी है। प्रस्तुत है प्रमुख सुभाषित - -
https://youtu.be/RbVgcfL1mi0
कक्षा 8-
पंचतंत्र एक विश्वविख्यात कथा ग्रन्थ है, जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है। इस ग्रन्थ में प्रतिपादित राजनीति के पाँच तंत्र (भाग) हैं। इसी कारण से इसे 'पंचतंत्र' नाम प्राप्त हुआ है। भारतीय साहित्य की नीति कथाओं का विश्व में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पंचतंत्र उनमें प्रमुख है। पंचतंत्र को संस्कृत भाषा में 'पांच निबंध' या 'अध्याय' भी कहा जाता है। इसमें पाँच तंत्र हैं जिनके नाम क्रमशः मित्रलाभ, सुहृदभेद, काकोलूकीय, लब्धप्रणाश ओर अपरीक्षित कारक हैं । प्रस्तुत पाठ ( बिलस्य बाणी न कदापि में श्रुता । ) पंचतंत्र के तीसरे तंत्र काकोलूकीय से संग्रहीत कर उदधृत है ।
https://youtu.be/zQnu0dIF4R8
कक्षा7-
कक्षा सप्तम संस्कृत की पुस्तिका रुचिरा का द्वितीय पाठ दुर्बुद्धि विनश्यति है इस पाठ को पंचतंत्र से लिया गया है पंचतंत्र ग्रंथ विष्णु शर्मा द्वारा रचित है इसमें मानवों एवं पशु पक्षियों आदि की कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा और जीवन जीने की बातों को सिखाया गया है पंचतन्त्र की कहानियां बहुत जीवंत हैं। इनमे लोकव्यवहार को बहुत सरल तरीके से समझाया गया है। बहुत से लोग इस पुस्तक को नेतृत्व क्षमता विकसित करने का एक सशक्त माध्यम मानते हैं। इस पाठ में हित चाहने वाले मित्र की बात नही मानने के दुष्परिणाम बताये गए है ।
https://youtu.be/8ZE_zcWA-_4
कक्षा 7
सुभाषितानि द्वारा श्रीमती पूनम शुक्ला,प्र.स्नातक शिक्षिका (संस्कृत)
सुभाषित (सु + भाषित = सुन्दर ढंग से कही गयी बात) ऐसे शब्द-समूह, वाक्य या अनुच्छेदों को कहते हैं जिसमें कोई बात सुन्दर ढंग से या बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से कही गयी हो। सुवचन, सूक्ति, अनमोल वचन, आदि शब्द भी इसके लिये प्रयुक्त होते हैं। सुभाषितानि में सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छुपी है। प्रस्तुत है प्रमुख सुभाषित - -
https://youtu.be/RbVgcfL1mi0
कक्षा 8-
पंचतंत्र एक विश्वविख्यात कथा ग्रन्थ है, जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है। इस ग्रन्थ में प्रतिपादित राजनीति के पाँच तंत्र (भाग) हैं। इसी कारण से इसे 'पंचतंत्र' नाम प्राप्त हुआ है। भारतीय साहित्य की नीति कथाओं का विश्व में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पंचतंत्र उनमें प्रमुख है। पंचतंत्र को संस्कृत भाषा में 'पांच निबंध' या 'अध्याय' भी कहा जाता है। इसमें पाँच तंत्र हैं जिनके नाम क्रमशः मित्रलाभ, सुहृदभेद, काकोलूकीय, लब्धप्रणाश ओर अपरीक्षित कारक हैं । प्रस्तुत पाठ ( बिलस्य बाणी न कदापि में श्रुता । ) पंचतंत्र के तीसरे तंत्र काकोलूकीय से संग्रहीत कर उदधृत है ।
https://youtu.be/zQnu0dIF4R8
कक्षा7-
कक्षा सप्तम संस्कृत की पुस्तिका रुचिरा का द्वितीय पाठ दुर्बुद्धि विनश्यति है इस पाठ को पंचतंत्र से लिया गया है पंचतंत्र ग्रंथ विष्णु शर्मा द्वारा रचित है इसमें मानवों एवं पशु पक्षियों आदि की कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा और जीवन जीने की बातों को सिखाया गया है पंचतन्त्र की कहानियां बहुत जीवंत हैं। इनमे लोकव्यवहार को बहुत सरल तरीके से समझाया गया है। बहुत से लोग इस पुस्तक को नेतृत्व क्षमता विकसित करने का एक सशक्त माध्यम मानते हैं। इस पाठ में हित चाहने वाले मित्र की बात नही मानने के दुष्परिणाम बताये गए है ।
https://youtu.be/8ZE_zcWA-_4
प्रस्तुत पाठ कक्षा 6 शब्दपरिचय- 2
इसमे स्त्रीलिंगः सर्वनाम शब्दों का प्रयोग हुआ है
https://youtu.be/Ff0zNQKCnuM
प्रस्तुत पाठ डिजिटल इंडिया के मूल भाव को लेकर लिखा गया निबंधात्मक पाठ है इसमें वैज्ञानिक प्रगति के उन आयामों को छुआ गया है जिनमें हम एक क्लिक द्वारा बहुत कुछ कर सकते हैं आज इंटरनेट ने हमारे जीवन को कितना सरल बना दिया है आजकल की परिस्थिति में डिजिटल लर्निंग का दूसरा उदाहरण कोई और नहीं हो सकता है यह डिजिटल ही है कि आप आज घर पर रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे ही भावों को सरल संस्कृत में इस पाठ में व्यक्त किया गया है
https://youtu.be/YuJwsavhTsg
कक्षा 7 पाठ-3
स्वावलम्बन का अर्थ है, आत्मनिर्भरता, एवं आत्मनिर्भर होने का तात्पर्य है कि अपना काम स्वयं करना, किसी भी वस्तु, जरुरत के लिए किसी पर निर्भर न होना. आत्मनिर्भर होने से इन्सान के अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है तो आइए देखते है कक्षा सातवीं का तीसरा पाठ स्वावलम्बनम
प्रस्तुत पाठ डिजिटल इंडिया के मूल भाव को लेकर लिखा गया निबंधात्मक पाठ है इसमें वैज्ञानिक प्रगति के उन आयामों को छुआ गया है जिनमें हम एक क्लिक द्वारा बहुत कुछ कर सकते हैं आज इंटरनेट ने हमारे जीवन को कितना सरल बना दिया है आजकल की परिस्थिति में डिजिटल लर्निंग का दूसरा उदाहरण कोई और नहीं हो सकता है यह डिजिटल ही है कि आप आज घर पर रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे ही भावों को सरल संस्कृत में इस पाठ में व्यक्त किया गया है
https://youtu.be/YuJwsavhTsg
कक्षा 7 पाठ-3
स्वावलम्बन का अर्थ है, आत्मनिर्भरता, एवं आत्मनिर्भर होने का तात्पर्य है कि अपना काम स्वयं करना, किसी भी वस्तु, जरुरत के लिए किसी पर निर्भर न होना. आत्मनिर्भर होने से इन्सान के अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है तो आइए देखते है कक्षा सातवीं का तीसरा पाठ स्वावलम्बनम
https://youtu.be/v3My9IdyTLI
कक्षा 6 रुचिरा पुस्तक का तीसरा पाठ शब्दपरिचय III में नपुंसकलिंग शब्दों को रखा गया है संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है, जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीवाचक संज्ञाओं को रखा जाता है।
https://youtu.be/vJZglcZgm0w
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