अनुभव 2021 स्पिक मैके
अनुभव 2021 स्पिक मैके
स्पिक
मैके द्वारा 21 जून से 27 जून 2021 तक एक कार्यशाला " अनुभव 2021 "का
आयोजन किया गया इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में विभिन्न प्रकार की कला व संस्कृति
का विकास करना था इस कार्यशाला में केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे रेलवे की तीन अध्यापिकाओं( श्रीमती मीता गुप्ता
,श्रीमती रेणु सक्सेना ,श्रीमती सुषमा यादव )एवं 19 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया ।
21 june 2021(first day)
प्रातः
4:00 बजे ज़ूम ऐप पर यह कार्यशाला प्रारंभ
हुई 4:00 बजे से 5:30 बजे तक वासिफउद्दीन डागर जी द्वारा नाद योग कराया गया । 5:30
से 6:30 हाथ योग डॉ मंजू देवरी द्वारा कराया गया 6:30 से 7:00 बजे तक
मेडिटेशन कराया गया ।दोरजी द्वारा दो
चैलेंज भी कराए गए पहला आंख बंद ना करना एवं दूसरा अपनी सांसों को 21 बार गिरना
,सुबह का यह सेशन कर सभी को बहुत अच्छा लगा दूसरा सेशन 9:00 बजे शुरू हुआ जिसमें
"द मेकिंग ऑफ महात्मा "फिल्म दिखाई गई प्रत्यक्षा जी एवं रत्नम कालरा जी
ने फिल्म खत्म होने के बाद फिल्म के डायरेक्टर श्याम बेनेगल और एक्टर रजत कपूर से
फिल्म से संबंधित कुछ प्रश्न पूछे जो विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ही लाभप्रद रहे
3:00 बजे से यूट्यूब पर ओरियंटेशन प्रोग्राम शुरू हुआ 5:00 बजे यूट्यूब पर ही
इनॉग्रेशन श्री रविशंकर प्रसाद (मिनिस्टर ऑफ कम्युनिकेशन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड ला एंड जस्टिस) जी ने किया । 6:30 बजे उस्ताद अमजद अली
खान द्वारा सरोद वादन प्रस्तुत किया गया ।
इस
प्रकार प्रथम दिन के सभी कार्यक्रम अति रोचक एवं ज्ञानवर्धक रहे।
22 June 2021 (second day)
पहले
दिन की भांति इस दिन भी 4:00 बजे से सत्र की शुरुआत नाद योग द्वारा हुई 5:30 से
6:30 हाथयोग एवं 6:30 से 7:00 बजे तक मेडिटेशन कराया गया 9:00 से 12:00 के सत्र
में छात्र-छात्राओं ने अपनी पसंद की कला को चुनकर विभिन्न गुरुओं द्वारा विभिन्न
कलाओं को सीखना आरंभ किया जिसमें ओडीसी -विदुषी सुजाता महापात्रा , कत्थक- पंडित
राजेंद्र गंगानी ,सात्रिय -गुरु घना कंटा बोरा ,मिनिएचर पेंटिंग -श्री बाबूलाल
मारोतिया , पाम लीफ- श्री सरत कुमार प्रधान जी ,मधुबनी पेंटिंग- श्रीमती हेमा देवी
, चित्र पेंटिंग -श्री ईश्वर नाथ जी, भरतनाट्यम -विदुषी गीता चौहान ,कुटियाट्टम- गुरु मार्गी मधु द्वारा सिखाएं जा
रहे थे ।
इन
सभी गुरुओं ने अपनी अपनी कला के बारे में आधारभूत चीजों को छात्र छात्राओं को
समझाया
यूट्यूब
पर रात के 9:00 बजे तक कार्यक्रम चला जिसमें डॉक्टर एंन राजन, तीजनबाई, अरुणा
साइमन ने अपनी प्रस्तुतियां दी ।
यह
सभी कार्यक्रम अत्यंत ही प्रशंसनीय थे ।
23 june 2021 (Third day)
अन्य
दिनों की भांति प्रातः 4:00 बजे से नाद योग एवं 5:30 से 7:00 तक हाथ योग एवं
मेडिटेशन कराया गया जो बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुआ जिसमें उन्होंने विस्तार से
बताया कि वास्तविक खुशी हम जीवन में कैसे प्राप्त कर सकते हैं l
9
से 12 के सेशन में ओडीसी ,कत्थक भरतनाट्यम इत्यादि सभी नृत्यों में हस्त मुद्राओं
का अत्यधिक महत्व है इस कारण सभी नृत्य गुरुओं ने मुद्राओं के बारे में विस्तार से
छात्र -छात्राओं को जानकारी दी। ड्राइंग के सभी गुरुओं ने विभिन्न प्रकार की
पेंटिंग के लिए किन चीजों की आवश्यकता होती है इसका विस्तार से ज्ञान दिया ।
1:15
से 2:00 तक योग निद्रा 2:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक यूट्यूब पर विशाखा हरी
द्वारा हरिकथा , श्रीमती अंजलि मेनन की वार्ता , पंडित विश्वमोहन भट्ट जी द्वारा
मोहन वीणा , सुजाता महापात्रा द्वारा ओडीसी नृत्य प्रस्तुत किया गया ।
24 June 2021 (fourth day)
अन्य
दिनों की भांति इस दिन भी प्रातः 4:00 से 7:00 के सत्र में नाद योग, हाथ योगा ,
मेडिटेशन कराया गया जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी रहा l 9:00 से 12:00 बजे के सेशन में शास्त्रीय
नृत्य में हस्त मुद्राओं की उपयोगिता व विभिन्न मुद्राओं को कैसे बनाया जा सकता है
इसका अभ्यास कराया गया lशास्त्रीय नृत्य में पैरों के चलन की महत्वता बताते हुए बालों को
पैरों से कैसे निकाला जाता है सिखाया गया । ड्राइंग के सभी गुरुओं ने विभिन्न
कलाओं का अभ्यास कराया ।बाद के सभी सेशन में
विभिन्न महान हस्तियों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को यूट्यूब के
माध्यम से सभी बच्चों व अध्यापिकाओं ने
देखा ।जो अत्यधिक रोचक था।
दोपहर
2:00 से रात्रि 9:00 बजे के बीच वीरा नाट्यम ,फोक सोंग्स ,शबाना आज़मी एवं जावेद
अख्तर द्वारा कविता पाठ , कर्नाटक गायन व रूद्रवीणा प्रस्तुत की गई ।
25 june 2021 (fifth day)
अन्य
दिनों की भांति प्रातः 4:00 से 7:00 का योग सेशन हुआ जिसमें नादयोग, हाथ योग और
मेडिटेशन हुआ । नाद योग में स्वरों को किस
तरह पक्का किया जा सकता है इसका अभ्यास कराया गया ।हाथ योग में विभिन्न प्रकार के
आसन व व्यायाम कराए गए जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक थे ।9 से 12 के सेशन
में नृत्य के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के
नृत्यों में किस प्रकार की वेशभूषा पहनी जाती है उसका क्या महत्व है इसके बारे में
बताया गया एवं विभिन्य शैली के नृत्यों को
स्टेज पर किस तरह प्रस्तुत किया जाता है इसका अभ्यास कराया गया । ड्राइंग के सभी
गुरुओं ने ड्राइंग की विभिन्न आकृतियों का अभ्यास कराया ।
सांय
काल के सेशन में गुरुवाणी कब्बाली कर्नाटक वायलेंस वह हिंदुस्तानी गायन यूट्यूब पर
प्रस्तुत किया गया ।
26 June 2021 (sixth day)
इस
दिन की कार्यशाला का प्रारंभ प्रातः 4:00 बजे से 7:00 बजे तक नाद योग,हथा योग
तथा मैडिटेशन द्वारा हुआ 7:00 से 7:15 तक
का समय श्रमदान का था।
9 से 12 के सेशन में विभिन्न गुरुओं द्वारा
छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर दिए गए । अभी तक सीखे हुए कार्य का अभ्यास
करा कर गुरुओं ने छात्र-छात्राओं से अपनी प्रस्तुति देने के लिए कहा । यह प्रस्तुतियां अत्यंत ही सराहनीय थी । इसी
श्रंखला में हमारे विद्यालय की पूर्णिमा सिंह को भी अपनी प्रस्तुति देने का अवसर
प्रदान हुआ जिसकी बहुत ही सराहना की गई ।यह दिन अत्यंत ही महत्वपूर्ण था क्योंकि
रात के 8:00 बजे से सुबह के 6:00 बजे तक
विभिन्न महान कलाकारों द्वारा अपनी -अपनी कला का प्रदर्शन किया गया जिसमें पंडित
शिवकुमार शर्मा द्वारा संतूर वादन, पंडित वेंकटेश कुमार जी द्वारा हिंदुस्तानी
गायन ,गुरु मार्गी मधु द्वारा कोडियाट्टम, उस्ताद शाहिद परवेज़ द्वारा सितार एवं उस्ताद
वासिफ उद्दीन डागर द्वारा ध्रुपद गायन प्रस्तुत किया गया जो अत्यंत ही रोचक था ।
27 june 2021 (seventh day)
इस
दिन सत्र की शुरुआत 12:00 बजे से हुई जिसमें श्री सुदर्शन साहू जो एक प्रसिद्ध
मूर्तिकार हैं ने बताया कि इस कला को उन्होंने कितनी कठिनाई से विकसित किया
सुदर्शन साहू जी ओडीशा के जाने-माने मूर्तिकार हैं उनकी बनाई कलाकृतियों की
प्रदर्शनी देश-विदेश में प्रसिद्ध है सुदर्शन जी को 1981 में पत्थर पर नक्काशी के
लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया l
25 जनवरी 2021 को भारत सरकार ने उन्हें पद्म
विभूषण से सम्मानित किया l
2:30
से 3:30 तक डॉक्टर एन राजम द्वारा वायलिन
वादन ,एवं अरुणा साईं राम द्वारा कर्नाटक गायन प्रस्तुत किया गया ।
डॉक्टर
राम जी नारायण द्वारा हेरिटेज टूर कराया गया जो बहुत ही प्रशंसनीय था ।श्री
गांगुली जी द्वारा जो वर्चुअल टूर कराया गया वह बहुत ही अद्भुत था । वेस्टर्न
क्लासिकल वायलिन की प्रस्तुति इतनी रोचक व अद्भुत थी जिसका शब्दों में वर्णन नहीं
किया जा सकता ।
इस
प्रकार यह 7 दिन की कार्यशाला केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे की शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं के लिए बहुत
ही लाभदायक रही ।
प्राचार्या
महोदया डॉ अपर्णा सक्सेना के अनुसार इस
प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों में छिपी हुई प्रतिभा को निखारने का अमूल्य
कार्य करते हैं पहली बार विद्यार्थियों ने सुबह 4:00 बजे से लेकर रात को 9:30 बजे
तक वर्चुअल मोड पर इन कार्यक्रमों को देखा और इनसे बहुत कुछ सीखा ऐसे महान
कलाकारों के दर्शन किए और उनकी कला से लाभ उठाया जिन से मिलने या जिन जिन को देखने
का सौभाग्य शायद उन्हें नहीं मिलता यदि
स्पिक मैके इस तरह का आयोजन नहीं करता । वास्तव में स्पिक मैके का यह बहुत ही
अच्छा व सराहनीय प्रयास है जो कि भारत की संस्कृति को जीवित रखेगा ।
केंद्रीय
विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे के छात्र-छात्राओं ने भी कार्यशाला के अपने अनुभवों को
भी साझा किया जिनकी झलक इस प्रकार है ---
सुप्रभात
मैम,
मेरा
नाम क्रिस साह है , मेरा इस वर्कशॉप में अनुभव बहुत अच्छा रहा, मैने चित्र कला
अध्यापक श्री बाबू लाल मरोतिया के
द्वारा लघु चित्र बनाना सीखा जिसमें उन्होंने बताया कि ये
चित्रकला बनाने के लिए सबसे पहले आधार रंग बनाया जाता है। इसके लिए कागज पर खड़िया
मिट्टी (चॉक मिट्टी) के चार से पांच स्तर चढ़ाने की आवश्यकता होती है। इस
चित्रकारी में विभिन्न प्राकृतिक पत्थरों का भी प्रयोग किया जाता है मूंगा,
लाजवर्त, हल्दी आदि। । धन्यवाद् ।
सुप्रभात
मैम मेरा नाम मोहम्मद अहमद रजा खान हैं मैं कक्षा 9वी सा का विद्यार्थी हूं मेरा 21 तारीख से आज तक
का अनुभव बहुत अच्छा रहा मैंने पहले दिन हमारे कला के अध्यापक बाबूलाल मरवतिया के
द्वारा पत्तियां बनानी सीखी थी | उसके बाद मैंने फूल बनाना सीखे | उसके अगले दिन
हमने उन्हीं फूलों पर शेडिंग करना और उसका
बॉर्डर बनाना सिखा आज हमने उसी चित्र में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना सीखा
उनमें से कुछ प्राकृतिक रंग हैं काजल, हल्दी , खड़िया आदि |
धन्यवाद , आपका दिन शुभ हो|
सुप्रभात मैम मेरा नाम पारुल यादव है! मै कक्षा
9 अ से हूँ मेरा इस वर्कशॉप 21 से आज तक का अनुभव बहुत अच्छा रहा मैंने चित्र कला
अध्यापक श्री बाबू लाल मरोतिया के द्वारा
लघु चित्र बनाना सिखा, मैंने उनसे फूल पर शेडिगं करने भी सिखा और बॉर्डर बनाना भी
सिखा आदि|
धन्यवाद
मैंम
सुप्रभात
मैम,
मेरा नाम रूपेश कश्यप है मैं कक्षा 9 'स' का
छात्र हूँ |मेरा इस वर्कशॉप मे बहुत अच्छा अनुभव रहा|मैंने श्री राजेंद्र गंगानी
जी के द्वारा कथक नृत्य सिखा, उन्होंने मुझे कथक मुद्राओ के बारे मे बताया जैसे
हस्त मुद्रा, पथकम् मुद्रा, तृपथकम् मुद्रा, मयूरम मुद्रा आदि|उन्होंने मुझे वाद्य
यंत्रो के बारे मे भी बहुत सी जनकारी दी|
||धन्यवाद||
सुप्रभात
मैम
मेरा
नाम बिंदु है
मैं
कक्षा 9 अ की छात्रा हु |
मेरा इस
वर्कशॉप का अनुभव बहुत अच्छा रहा|
मैंने
श्री बाबू लाल मारोतिया ( चित्र कला अध्यापक )
द्वारा
लघु चित्र बनाना सीखा जिसमे बहोत सारी मनमोहक चीजे जैसे फूल, पत्ते,
और बॉर्डर आदि बनाना सीखा |
हमने
उसमे प्राकृतिक रंगो का उपयोग करना सीखा जैसे की
काजल
हल्दी
खड़िया
आदी |
सधन्यवाद
सुप्रभात
मैम
मेरा
नाम आदित्री अग्रवाल है
मैं
कक्षा सातवीं स की छात्रा हूं।
स्पीक
मैके वर्कशॉप का मेरा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा इन 7 दिनों में हमने भारतीय कला के
बारे में बहुत कुछ जाना और समझा
मैंने
विदुषी सुजाता मोहपात्रा के द्वारा ओड़ीसी नृत्य के बारे में जाना । यह नृत्य अपने
आप में बहुत ही अद्भुत है मैं
विद्यालय तथा अपनी शिक्षिकाओं का
धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे इस
वर्कशॉप मे भाग लेने का अवसर प्रदान किया।
🙏🙏🙏
सुप्रभात मैम ,
मेरा नाम दीपिका यादव है ,
में
कक्षा 8' ब ' में पढ़ती हूं , मेरा स्पीक मैके वर्कशॉप का 21 तारीख से आज तक का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा
। मैने श्री बाबू लाल मरोटिया से लघु चित्र बनाना सीखें और उन्होंने हमें एक फूल
बनवाया जिसमें हमने शेडिंग की और बॉर्डर
भी बनाना सिखाया । हमें विभिन्न प्रकार से
रंगो का इस्तेमाल करना सीखा। धन्यवाद ।
सुप्रभात
मैम, मेरा नाम पूर्णिमा सिंह है, मै कक्षा 8 ब की छात्रा हूं, मेरा इस वर्क शॉप का बहुत अच्छा अनुभव रहा, इन
दिनो मे मैंने अपने गुरु श्री मार्गी मधु चक्यार जी से कौड़ीयाटटम की मुद्राये और
रामायणम संक्षेपम के 3 वाक्य भी सीखे जो की माल्यालम मे थे उन वाक्यो पर हमने एक्ट
किया जो की आज वर्क शॉप जो 1:00 बजे से 2:00 बजे तक है जिसमे सिर्फ सेलेक्टेड
बच्चे है, तो जो सर ने हमे 3 वाक्य सिखाये थे उन तीन वाक्यो के लिये तीन बच्चो को
चुना गाया जिसमे से एक मै भी हूँ मुझे बहुत अच्छा लगा था जब गुरु जी ने मुझे चुना
और वो मैंने आज वर्क शॉप मे प्रस्तुत भी किया तो मै धन्यवाद करना चाहूँगी की मैम
का की उन्होंने मुझे spic macay मे ज्वाइन किया।
ऊपर
दिए इस वीडियो में मेरे कार्य को दर्शाया गया है l👆
धन्यवाद
मैम
सुप्रभात
मैंम
मेरा
नाम इच्छा शर्मा है,
मैं
कक्षा 9अ मे पढती हू। मेरा सपीक मैके मे बहुत अच्छा अनुभव रहा 21 तारीख से आज तक
का। मैने श्रीमती हिमा देवी से मधुबनी कला के बारे मे बहुत कुछ सिखा जैसे कि
मधुबनी कला कया होती है इसे कैसे बनाते है मधुबनी कला को दीवारो पर भी बनाकर लोग
अपना घर सुंदर बनाते हे, मधुबनी कला 4
प्रकार कि होती है 1
1)
बहरनी
2)
कचछनी
3)
गोढा़
4)
तातरीक
बहरनी
मे अलग अलग रंगो से बनाया जाता है।
कचछनी
मे सिफ् दो रंगो कि मदद से बनाया जाता हे
गोढा़
को मिथीला कला भी कहते हे
तातरीक
मे भगवान को बनाया जाता हैं जैसे कि काली मा आदि।
मधुबनी
कला जयादा बिहार के तरफ बनाईं जाती है।
मै
मैंम धन्यवाद कहना चाहती हु उन्होंने मुझे इस ग्रुप मे जोड़ कर कुछ नया अच्छा सिखने
का मौका दिया
धन्यवाद
सुप्रभात मैम
मेरा
नाम सारा खान है
मैं
कक्षा 7 में पढ़ती हूं मेरा इस वर्कशॉप
में अनुभव बहुत अच्छा रहा ,मैंने इस वर्कशॉप में नृत्य के बारे में जाना और
कथक सीखा मुझे बहुत अच्छा लगा कथक सीख कर
धन्यवाद
सुप्रभात मैम
मेरा
नाम अदिति कौशिक है, मै कक्षा 6 A मै पड़ती हूँ | मेरा सपीक मैके में बहुत अच्छा अनुभव रहा, मेने
इस वर्कशॉप में चित्र बनाना सिखा, मुझे चित्र बनाने मै बहुत मज़ा आया और बहुत कुछ
सिखा भी |
धन्यवाद
|
सुप्रभात मैम
मेरा
नाम कृतिका सिंह है।
मैं
कक्षा 7 की छात्रा हूं।
मेरा
इस वर्कशॉप सपीक मैके में बहुत अच्छा अनुभव रहा। मैंने श्री राजेंद्र गंगानी जी से
कथक सिखा उन्होंने मुझे कथक नृत्य करना
सिखाया और बहुत सी अन्य बातें भी बताई कथक के बारे में जैसे की वाद्य यंत्रों और कथक मुद्राएँ के बारे मे
बताया ।
धन्यवाद।
🙏
सुप्रभात
मैम
मेरा नाम कनक सिंह है|
मैं कक्षा 7अ की छात्रा हूं |
मेरा इस वर्कशॉप का बहुत अच्छा अनुभव रहा |
मैंने डॉक्टर मंजू देवदारी से योगा के बारे में बहुत कुछ सीखा और मैंने श्री
राजेंद्र गंगानी जी से कथक सीखा और मैंने भी उनसे कत्थक नृत्य करना सीखा और बहुत
ही अन्य बातें भी बताएं कत्थक के बारे में जैसे वाद्य यंत्रों और कत्थक मुद्रा के
बारे में बताया मैंने और भी बहुत कुछ सीखा |
धन्यवाद |🙏🙏
मेरा
नाम ऋतु सिंह है मैं कक्षा 8 (ब) की छात्रा हूं मेरी यह पहली वर्कशॉप है और मेरा
इस वर्कशॉप का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा पहले दिन यानी 21 तारीख से आज तक मैंने
बहुत कुछ सीखा जैसे योगा ,कत्थक, चित्रकला और ध्यान लगाना सीखा
धन्यवाद
इस
प्रकार स्पिक मैके की 7 दिन की कार्यशाला
अनुभव 2021 केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे की शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं के लिए बहुत ही लाभदायक रही
।मैं रेनू सक्सेना (संगीत अध्यापिका) केंद्रीय विद्यालय पूर्वोत्तर रेलवे परिवार
की ओर से स्पिक मैके संस्था एवं उससे जुड़े सभी लोगों का बहुत-बहुत आभार व्यक्त
करती हूं एवं भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों से जोड़ने का आग्रह करती हूं।
धन्यवाद🙏
रेणु
सक्सेना
केंद्रीय
विद्यालय
पूर्वोत्तर
रेलवे
बरेली
Comments
Post a Comment